दिल्ली के रण मेें ओवैसी की इंट्री ने बढ़ाई केजरीवाल की धड़कन





 दिल्ली के रण मेें ओवैसी की इंट्री ने बढ़ाई केजरीवाल की धड़कन

शिखर प्रसंग समाचार

   समय-समय पर उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों और लोकसभा चुनाव में वोट कटुआ साबित हो चुकी ओवैसी की पार्टी ने दिल्ली के चुनावी दंगल में भी अपने प्रत्याशी उतार दिये हैं। ओवैसी के प्रत्याशियों के चलते मुस्लिम वोटों के सौदागरों को वोट बंटने का हमेशा खतरा बना रहता है,जिसका सीधा फायदा बीजेपी को होता है। यही वजह है कई राजनैतिक दल ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की बी टीम बताकर हमलावर रहते हैं। खैर, इससे बेफिक्र  देशभर में मुसलमानों की प्रमुख पार्टी बनने की कोशिश कर रही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)  ने देश की राजधानी दिल्ली में भी करीब 10 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। ओखला से जंगपुरा तक पार्टी उन सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है जहां मुस्लिम मतदाताओं की आबादी अच्छी है और हार-जीत में उनकी भूमिका अहम है। वैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव में  मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच ही नजर आ रहा है लेकिन ओवैसी की पार्टी जैसे कई छोटे दल और निर्दलीय भी जंग को और दिलचस्प बनाने में जुटे हैं। 

  बात ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की कि जाये तो वह मुस्तफाबाद और ओखला में दो उम्मीदवारों को उतार चुकी है। पार्टी ने मुस्तफाबाद से दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दिया है तो ओखला में आप नेता अमानतुल्लाह खान के खिलाफ शफाउर रहमान खान को उतारा है। पार्टी दिल्ली दंगों के एक और आरोपी शाहरुख पठान को भी टिकट दे सकती है।  दो सीटों पर प्रत्याशी उतारने के साथ ही ओवैसी की पार्टी बाबरपुर, बल्लिमारान, चांदनी चौक, जंगपुरा, सदर बाजार, मटिया महल, करावल नगर और सीलमपुर में भी अपने प्रत्याशी उतार सकती है।


   ओवैसी की पार्टी के मैदान में आने से आम आदमी पार्टी को सबसे अधिक तो कांग्रेस को  भी थोड़ा-बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि पिछले तीन विधान सभा चुनावों से अधिकतर मुस्लिम वोटर्स अरविंद केजरीवाल की पार्टी का साथ देते रहे हैं। खास तौर पर तीन सीटों पर एआईआईएमआईएम के चलते आम आदमी पार्टी की चिंता ज्यादा ही बढ़ा सकती है जहां पार्टी के तीन प्रमुख चेहरे चुनाव लड़ रहे हैं और पिछली बार इनकी जीत का अंतर काफी कम था। ओवैसी की पार्टी की तरफ से जंगपुरा से पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, बाबरपुर से मंत्री गोपाल राय और ओखला से सबसे प्रमुख मुस्लिम चेहरे अमानतुल्लाह खान चुनाव लड़ रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के दमखम लगाने से पहले ही आम आदमी पार्टी को नुकसान की आशंका थी। ऐसे में यदि ओवैसी मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब होते हैं तो अरविंद केजरीवाल की चिंता बढ़ सकती है।


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