टेंट से निकल,अस्थाई मंदिर में विराजेगें प्रभुराम

   

                                                                                                                      शिखर के प्रसंग समाचार
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन होने के बाद से प्रभु श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की ओर पहला कदम बढ़ाते हुए ट्रस्ट ने आम सहमति से रामलला को उनके स्थान से हटा कर अस्थाई मंदिर में विराजने का काम शुरू कर दिया है ताकि निर्माण के दौरान रामलला की पूजा-अर्चना और भोग-राग निर्बाध रूप से चलती रहे। भव्य राम मंदिर के निर्माण से पहले उनके अस्थाई मंदिर के निर्माण से भक्तगण भी अपने प्रभु के दर्शन कर सकें। अब तक रामलला टेंट में विराजमान थे, जिसको लेकर हिन्दू समाज में रोष भी देखने को मिलता था,लेकिन अस्थाई मंदिर निर्माण से राम भक्तों को दिली शुकून मिलेगा। गौरतलब हो, सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद अयोध्या में मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। मंदिर के निर्माण में करीब तीन वर्ष का समय लगेगा यही वजह है कि तब तक के लिए अस्थाई मंदिर में रामलला को पूजा-अर्चना और दर्शनों के लिए विराजमान किया जाएगा।

  ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार अस्थाई मंदिर का खाका तैयार हो चुका है। गर्भ गृह से करीब 150 मीटर की दूरी पर मानस भवन के करीब अस्थाई मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर पूरी तरह बुलेटप्रूफ रहने की संभावना है। मंदिर को  फाइबर से तैयार किया जाएगा। इसी योजना के तहत विशेषज्ञों ने गत दिवस प्रथम बेला में रामलला के मौजूदा गर्भगृह और सिंहासन की नाप-जोख की। रामलला जिस वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान होंगे,उसे अपेक्षित सुविधा-सहूलियत से लैस किया जाएगा।

   रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का कहना था कि जब तक रामलला का मंदिर बनकर तैयार नहीं हो जाता है, तब तक रामलला की पूजा-अर्चना वहीं होगी। कुछ दिन पहले ही आर्किटेक्ट और इंजीनियरों ने गर्भ गृह के इलाके का दौरा किया था। रामलला का गर्भगृह फिलहाल 35 गुणे 25 फीट में है, जिस सिंहासन पर चारो भाइयों सहित विराजमान हैं, वह तकरीबन पांच गुणे चार फीट का है। इसी माप के अनुरूप रामलला का वैकल्पिक गर्भगृह बनेगा। वैकल्पिक गर्भगृह अधिग्रहीत परिसर में स्थित रामचरितमानस भवन के दक्षिण दिशा में स्थापित किया जाएगा। ताकि निर्माण की गतिविधियों के संक्रमण से वैकल्पिक गर्भगृह मुक्त रहे। रामलला जहां ढांचा ध्वंस के बाद 27 वर्ष दो माह 13 दिन से टेंट में विराजमान हैं, वहीं वैकल्पिक गर्भगृह फाइबर का होगा। यहां पर लकड़ी के मौजूदा सिंहासन के विपरीत वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला संगमरमर के सिहासन पर विराजमान होंगे। रामलला की वस्तुओं में पूजन सामग्री, तीन संदूक में रखी उनकी पोशाक और बिछावन, रजाई एवं कंबल शामिल है। मौजूदा गर्भगृह के अनुरूप वैकल्पिक गर्भगृह में चारो भाइयों सहित रामलला एवं हनुमानजी का विग्रह स्थापित होगा। 

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