शंकराचार्य ने कहा हम न्याय के पक्षधर हैं, गोलबंदी करने के नहीं. महाराज ने अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और करीना कपूर पर बयानबाजी करने वाले भागवत कथा वाचक और कवि कुमार विश्वास पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा वह राजनीति में कुछ लोगों को खुश करने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, इसके पीछे उनकी सियासी महत्वाकांक्षा है.
उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर राजनीतिक मामला है और वह कुछ लोगों के साथ खुद को खड़ा दिखाना चाहते हैं. उन्हें प्रचार का लालच नहीं है बल्कि कुछ लोगों को खुश करने के लिए ऐसा बोल रहे हैं और इसका राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं. हालांकि शंकराचार्य ने यह भी कहा है कि अलग-अलग धर्म से पैदा हुई संतान के सामने हमेशा यह संकट होता है कि वह कि परंपरा को अपनाएं.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के मुताबिक परंपराओं और सामाजिक नजरिए से कोई बात कही जा सकती है लेकिन किसी को व्यक्तिगत तौर पर निशाना बनाकर कोई बात कहने से उसकी भावना आहत होती है. सिर्फ उसे व्यक्ति और उसके परिवार की ही नहीं बल्कि उसके समाज की भावनाएं भी आहत होती हैं, इसलिए ऐसी बातों से पूरी तरह से बचना चाहिए. व्यक्तिगत तौर पर की गई टिप्पणियां उसको चुभती हैं और उसे पीड़ा पहुंचाती हैं.वहीं महाकुंभ में कई संतों के शिविरों में घर वापसी के कार्यक्रम आयोजित किए जाने पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा घर वापसी करने से पहले इस बात पर भी विचार होना चाहिए कि व्यक्ति हमारे घर को छोड़कर दूसरी जगह पर क्यों गया. उन्होंने कहा है कि भारत देश में अगर मुसलमानों और हिंदुओं को साथ रहना है तो बॉर्डर का बेरियर तोड़ देना चाहिए. दोनों को फिर से मिलकर एक देश हो जाना चाहिए और अगर ऐसा नहीं है तो फिर धर्म के आधार पर बने पाकिस्तान देश में उस धर्म को मानने वाले सभी लोगों को चले जाना चाहिए.
शंकराचार्य बोले अगर साथ रहना है तो बॉर्डर का बैरियर खत्म होना चाहिए और देश का बंटवारा रद्द हो जाना चाहिए. अगर ऐसा होता है और सभी धर्म के लोग मिलकर साथ रहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. महाकुंभ में मुसलमानो के प्रवेश पर बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा धार्मिक आस्था से खिलवाड़ करने वालों कि महाकुंभ में कोई जरूरत नहीं है. जिन भी संत महात्माओं ने इस बारे में आवाज उठाई है, उन्होंने कुछ सोच समझ कर ही ऐसा बोला है.
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